होम बायर्स के लिए बड़ी खुशखबरी! रियल एस्टेट से जुड़ी शिकायतों का जल्द होगा निपटान, 18 अप्रैल को अहम बैठक
Home Buyers Latest Updates: कई मामले ऐसे सामने आते हैं पैसा खर्च करने के बाद भी आपको पोजेशन लटका हुआ रहता है. इतना ही नहीं, बिल्डर से कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं मिलता.
Home Buyers Latest Updates: अगर आप घर खरीदार हैं और आप अपने बिल्डर से परेशान हैं तो ये खबर आपके लिए है. कई बार ऐसा होता है कि होम बायर्स अपना घर खरीद लेते हैं, लोन भी चुका देते हैं लेकिन इसके बाद भी उन्हें अपना घर नहीं मिलता. कई मामले ऐसे सामने आते हैं पैसा खर्च करने के बाद भी आपको पोजेशन लटका हुआ रहता है. इतना ही नहीं, बिल्डर से कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं मिलता. होम बायर्स को बस मिलता है तो सिर्फ कोर्ट से तारीख. ऐसे में अगर आप भी अपने घर के लिए कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं और काफी पैसा खर्च कर चुके हैं तो अपडेट आपको जरूर पढ़ लेना चाहिए. रियल एस्टेट से जुड़ी शिकायतों के जल्द निपटारे के लिए सरकार ने एक फ्रेमवर्क तय करने का फैसला किया है.
ई-कॉमर्स के बाद रियल एस्टेट की सबसे ज्यादा शिकायतें
ज़ी बिजनेस को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक दरअसल ग्राहकों की शिकायतों को देखा जाए तो सबसे ज्यादा शिकायत ई-कॉमर्स से जुड़ी है और उसके बाद बैंकिंग सेक्टर और इसके बाद इंश्योरेंस तीसरे सबसे बड़े शिकायत वाले सेक्टर के रूप में रियल एस्टेट शामिल है. ऐसे में घर खरीदारों के लिए अच्छी खबर सामने आई है.
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घर खरीदारों के लिए अच्छी खबर
घर खरीदारों की शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार ने रियल एस्टेट से जुड़ी शिकायतों के जल्द निपटारे के लिए एक फ्रेमवर्क को तैयार करने का फैसला किया है. इसी सिलसिले में उपभोक्ता मामले का मंत्रालय 18 अप्रैल को मुंबई में बड़ी बैठक करने वाला है और इस बैठक में बैंक, रेग्युलेटर, बिल्डर, एसोसिएशन, राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
बैठक में इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
इस बैठक में एनसीएच समेत अन्य प्लेटफॉर्म पर शिकायतों को अलग अलग श्रेणी में रखा जाएगा. इसके अलावा छोटी, कम अमाउंट या ऐसी शिकायत जो आपसी समझ के साथ खत्म हो सकती हैं उसे एक साथ किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने सभी Stakeholders से इस समस्या को तत्काल सुलझाने के लिए जरूरी स्टेप्स उठाने की बात कही है.
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बैठक में बड़ी और गंभीर शिकायत के लिए कानून, RERA और राज्यों के स्तर पर बदलाव का रोड मैप तय हो सकता है. इसके अलावा बैंकों को भी शामिल किया जाएगा और ये जानने की कोशिश होगी कि क्या बैंक प्रोजेक्ट के लिए कोई नई मदद दे सकता है और अगर हाँ तो राज्य या किसी अन्य अथॉरिटी से किस तरह का आश्वासन दिया जा सकता है.
क्या है सरकार की मंशा
दरअसल, रियल एस्टेट सेक्टर की शिकायतों को कम करने पर सरकार का फोकस है. इसके लिए सरकार पेंडेंसी कम करना चाहती है. इसके अलावा बिल्डर के लिए ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने पर जोर है, ताकि वो और ज्यादा जिम्मेदार हो जाएं. ऐसा करने से शिकायतों को कम करने में मदद मिलेगी और साथ ही हर मामले को कोर्ट तक जाने की संभावना कम हो सकती है.
12:34 PM IST